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ओरिजिनल लव पार्ट 3

उदास आकाश अपने घर आता है, उसकी बहन पढ़ाई कर रही है, मां रोटी बना रही है और वहीं पास बैठे, पापा खाना खा रहे हैं

पिता -"क्यों रे आकाश"! "तेरी वीडियो देखी, तु सिगरेट पीता है और लड़कियों की चप्पल चुराता है"! पिता ने पूछा

आकाश -"पापा"! "मैं ना तो सिगरेट पीता हूं और ना ही चप्पल चुराता हूं, यह, तुम्हारी लड़की, मुझ पर झूठे इल्जाम लगाती है, उस दिन मेरा दोस्त कालू, सिगरेट पी रहा था तो मैंने,,,उस से सिगरेट छुड़ाई और दो फूंक मार कर, उसे एक चांटा मारा और उसे समझाया,,,,क्यों सिगरेट के धुएं से अपने फेफड़े सड़ा रहा है"? "क्या होता है, इसको पीने से"? "मैं उसको समझा रहा था, तभी तुम्हारी, बंदरी बेटी ने मेरी वीडियो बना ली और वह चप्पल भी मैंने, इसके कारण चुराई थी"! आकाश ने सफाई देते हुए कहा

पिता -"सच बोल रहा है, ना"! पापा ने पूछा

आकाश -"पापा,,,मुझे क्या आपने,,नशेड़ी समझ रखा है, तुम्हारा बीड़ी का बंडल दिनभर घर में पड़ा रहता है, कभी उसमें से एक बीड़ी भी कम पड़ी"!

पिता -"रोज 2,,,4,,बीड़ी कम होती है"! पिता ने बताया

आकाश -"वही तो राज की बात बता रहा हूं, तुम्हारी लाडली बेटी, राधा, रोज तुम्हारे बंडल से बीड़ी चुरा कर पीती है, मैंने रात को अपनी आंखों से उसे,,,बीड़ी पीते देखा था पर मेरी, चुगली करने की आदत नहीं है, इसलिए किसी को नहीं बताया, मम्मी,,,मुझे भी खाना लगा दो, भूख लग रही है"! आकाश ने बैठते हुए कहा

पिता -"चल चुपचाप खाना खा ले, मैं सब पता कर लूंगा, कौन है असली, बीड़ी चोर है"!

माँ -"ले बेटा,,,आराम से खा ले"! मां ने खाना लगाते हुए कहा

आकाश -"मम्मी,,,रोटी पर थोड़ा घी लगा दो"!

माँ -"अरे,,,तो तू, उन बिना घी लगी, रोटीयो को क्यों खा रहा है"? तेरे लिए घी के पराठे बनाये हैं, रोटियो के नीचे देख, मैंने छुपा कर रखे हैं, यह रोटियां,,तो तेरे, पापा के लिए बनाई है, क्योंकि इनको घी हजम नहीं होता है"! मां ने कहा

पिता -"मैं क्या कुत्ता हूं, जो मुझे घी हजम नहीं होता है, आकाश की मम्मी,,,,थोड़ा सोच समझ कर बोला करो"! पिता ने कहा

माँ -"घी खत्म हो गया है, कल तुम्हारे लिए भी पराठे बना दूंगी, वह चार पराठे, आकाश के लिए बनाए हैं, उसे खा लेने दो"! मां ने कहा

पिता -"एक ले, लेने दे यार, अचानक पराठे देखकर, खाने का मूड हो गया"!

आकाश -"अरे,,,,लो यार पापा, क्यो मम्मी से क्या डरते हो"? आकाश ने उकसाते हुए कहा

पिता -"अरे,,,,मैं इस गांव के सरपंच से नहीं डरता हूं, तेरी मां से क्या डरूंगा"! पिता ने पराठा उठाते हुए कहा

तभी रोटी बना रही, धर्मेंद्र की मां के हाथ से बेलन छूट जाता है और उसके पिता के पास आकर रुक जाता है

पिता -"अच्छा हुआ, जो बेलन नहीं टूटा"! पिता ने बेलन उठाते हुए कहा

माँ -"अच्छा हुआ,,जो तुम्हारे, मुंह पर नहीं पड़ा, नहीं तो मुंह टूट जाता"! मां ने बेलन लेते हुए कहा

आकाश -"पापा,,,वह मेरा दोस्त,,कालू बता रहा था कि तुमने, जिस लड़की से मेरे रिश्ते की बात की है, वह कलेक्टर बनने के बाद ही शादी करेगी"! आकाश ने शर्माते हुए पूछा

पिता -"तू,,अपनी ज्यादा डेढ़ अकल, मत लगा और लोगों के भड़कावे में मत आ,,,नहीं तो आखी जिंदगी, कुंवारा फिरता रहेगा, तेरी मां हीरोइन बनना चाहती थी, नहीं बन पाई, मैं देश का प्रधानमंत्री बनना चाहता था पर कभी सरपंच भी नहीं बन पाया, कलेक्टर बनना, इतना आसान काम नहीं है, देखना,,,वह अपने घर की गाय🐂🐄 भैंस का गोबर ही सोरेगी, अरे,,,हां, गोबर से याद आया, रामपुर में भक्तिलाल को 5 साल पहले ₹500 दिए थे, आज उससे मांगे तो उसने कहा, कंडे बेचकर दे दूंगा तो मैंने कहा -"मेरे,,,बेटे को भेज रहा हूं, 50 कंडे दे देना, याद से जाकर ले आना"! पिता ने बताया

आकाश -"ठीक है,, अभी जाकर ले आता हूं"! आकाश ने उठते हुए कहा

फिर वह वापस अपने दोस्त, कालू के पास आता है और कहता है

आकाश -"चल रामपुर चलते हैं"!

कालू - "भुखपुर लग रही है, घरपुर जाऊंगा, खानपुर खाऊंगा और सो जाऊंगा पर तेरे साथ नहीं आउंगा"! कालू ने कहा

आकाश -"अरे इसीलिए तो आया हूं, मुझे भी बहुत जोर से भूख लग रही है, चल वहीं, गरमा गरम, समोसे-कचोरी, फाफड़े खाएंगे और डेढ़ लीटर वाली थम्स अप पिएंगे"! आकाश ने डकार लेते हुए कहा

कालू -"तूने,,,कभी अठन्नी का खर्चा नहीं किया, आज इतनी बड़ी-बड़ी बातें फांक रहा है"! कालू ने कहा

आकाश -"तीन काम है, रामपुर में, समोसा-कचोरी खाना है, कुछ जरूरी सामान लेकर आना है और उस कलेक्टरनी को भी देखना है"!

कालू -"फिर तो तू, जरूर खर्चा करेगा, चल चलते हैं"! कालू ने सहमति जताई

फिर दोनों साइकिल पर सवार होकर, रामपुर पहुंचते हैं

कालू -"वह देख,,सामने गरमा-गरम, माल"! कालू ने कहा

आकाश ने कालू की बात सुनकर, बड़ी उत्सुकता से देखा और पूछा

आकाश -"कहां है,,,मेरी,,,गरमा-गरम कलेक्टरनी"!

कालू -"अबे चश्मा हटा कर देख,,मैं कलेक्टरनी की नहीं, गरमा गरम, समोसे-कचोरी की बात कर रहा हूं, चल,,,पहले खा लेते हैं"! कालू ने कहा

आकाश -"अरे,,,,यह फोकट के काम बाद में करेंगे, पहले कलेक्टरनी के दर्शन तो करा दे"!

कालू -"उस सामने वाली गली में उसका घर है, चला जा और देख आ"!

आकाश -"मुझे क्या पता, उसका घर कौन सा है"? और वह कौन है"? 'इसीलिए तो तुझे साथ लाया हूं"!

कालू - "देख, कॉलेज की छुट्टी हो गई है, पढ़े लिखे गवार आ रहे हैं, चल उधर आगे जाकर देखते हैं, वह भी आ रही होगी"! कालू ने कहा

फिर वह दोनों कंडों के (बीठ्ठा) के पास आते हैं, यहां बहुत सारे कंडे, एक कतार में जमे हुए हैं, और इनकी मोटी दीवार बनी हुई है और उन्हें ढका गया है, यहां पर एक लड़का, पहले ही हीरो जैसा बन ठन कर, अपने हाथ में गुलाब लिए खड़ा है

कुछ देर तक आकाश ओर कालू उस लड़के को देखते हैं और वह लड़का भी इन दोनों को देखता है,,,तब वह लड़का इन दोनों से कहता है

लड़का -"ओ,कब्रिस्तान के जीते जागते मुर्दों, यहां क्यों आए हो"?

कालू -"मेरे दोस्त की मंगेतर आ रही है, उसे देखने आए हैं, तु यहां क्या झंडा गाड़ने आया है"? कालू ने भी पुछा

लड़का -"तुम्हारे सामने, हैंडसम, हीरो जैसा लड़का, हाथ में गुलाब लिए खड़ा है, भेजे में दिमाग नहीं है, मैं, अपनी गर्लफ्रेंड को प्रपोज करने आया हूं"! उस लड़के ने कालू के सिर पर मारते हुए कहा

लड़का -"मेरी गर्लफ्रेंड आ रही है, तुम दोनों कंडों के पीछे छुप जाओ"! उस लड़के ने अकड़ कर कहा

फिर आकाश और कालू,,,,कंडो के पीछे छुप जाते हैं, साइड से दो लड़कियां आ रही है, पर वह दिखाई नहीं दे रही है, इसलिए वह दोनों कुछ कंडों को हटाकर, उनको देखने का प्रयास करते हैं

तभी कालू कहता है

कालू -"अरे,,आकाश, यह तो तेरी,,,होने वाली मंगेतर है, मुझे लगता है, यह हीरो, तेरी मंगेतर को ही प्रपोज करने आया है"! कालू ने बताया

आकाश -"ये हीरो, मेरी हीरोइन को, मेरे सामने प्रपोज करेगा और मैं डरपोक जैसा छुपकर यह सीन देखुगा, नहीं,,,"!आकाश ने जोश से कहा

कालू -"अरे,, रुक, तेरी मंगेतर के साथ, एक और लड़की भी है, हो सकता है यह, उसे प्रपोज करने आया हो"! कालू ने बताया

आकाश -"मुझे तो यहां से कुछ भी नहीं दिख रहा है"!

कालू -"थोड़ी सी देर रुक जा, बस आने वाली है, यह हीरो उन्हें रोकेगा, तब अच्छे से देख लेना, वह पीले सूट वाली, तेरी कलेक्टरनी है"! कालू ने कहा

जब वह दोनों लड़कियां, वहां आती है तो वह लड़का कहता है

लड़का  -"एक्सक्यूज मी"!

गरीमा -"जी भैया,,,कहिए, क्या तकलीफ है"? पीले सूट वाली गरिमा ने पूछा

कालू - "धर्मेंद्र"! "दिखी, पीले सूट वाली"! कालू ने पूछा

आकाश - "कहां से दिख जाएगी, उसका मुंह उधर है"! आकाश ने बताया

लड़का -"मुझे, भैया कहने की तुम्हारी, हिम्मत कैसे हुई"! उस लड़के ने गरिमा से कहा

गरीमा -"तुम शक्ल से ही भैय्या दिखते हो,इसीलिए भैया कहा"! गरिमा ने कहा

लड़का -"आई लव यू"! "अब भैया भूल जाओ और संय्या बोलो"! लड़के ने कहा

"चटाक"!

गरीमा - "अबे गधे जैसी शक्ल के बंदर, तुझे शर्म नहीं आती, अपनी बहन जैसी लड़की को प्रपोज़ करता है, चुपचाप चला जा, नहीं तो सैंडल से तेरा, प्यार का भूत उतार दूंगी"! गरिमा ने चांटा मारते हुए कहा

कालू -"आकाश"!"देखा"! कालू ने पूछा

आकाश -"देखा नहीं, सुना, "अरे यार, उसका मुंह उस तरफ है, मुझे तो बस उसके, झरने जैसे लंबे-लंबे बाल दिख रहे हैं और कानों के कुंडल ही दिखाई दे रहे है,,,अरे,,,पलट जा,,मेरी कलेक्टरनी,,,पलट,,,पलट,,,पलट"!आकाश ने बेसब्र भाव से कहा

वह पलट ही रही थी और आकाश उसका चेहरा देखने ही वाला था, तभी आकाश के सिर पर किसी ने पीछे से मारा, और आकाश ने पीछे मुड़कर, एक आदमी को देखा

आदमी - "कौन हो तुम और यहां क्या मेरे,,,कंडे चुराने आए हो"? उस आदमी ने पूछा

आकाश"अरे,,नहीं अंकल, हम कंडे खरीदने आए हैं, इसीलिए देख रहे थे, कंडे गीले तो नहीं है"! आकाश ने बहाना बनाते हुए कहा

आदमी -"तो ऐसे छुपकर क्यों देख रहे हो"? "₹20 का एक कंडा है, जितने चाहे, उतने ले लो"! उस आदमी ने कहा

आकाश -"तुम्हारा नाम भक्तिलाल है"!

आदमी -"हां"!

आकाश -"मैं, सीतापुर वाले,,,सीताराम जी का लड़का, आकाश हूं"!

आदमी -"अरे तू आकाश हो या जमीन हो, मुझे,,,उससे क्या और तेरे बाप के ₹500, तेरे घर भिजवा दिए हैं, निकलो यहां से, कभी आकर झांकना भी मत यहां"! उस आदमी ने धमकी देते हुए कहा

आकाश -"हां,,,ठीक है, जा रहे हैं"!

फिर वह दोनों बाहर आते हैं

आकाश -"अरे वह कलेक्टरनी, उसकी सहेली और वह हीरो कहां गया"!?आकाश ने कालू से पूछा

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